सीएसआईआर-सीमैप:ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान ‘सीमैप’ नाम से लोकप्रिय है, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की अग्रणी पौध शोध प्रयोगशाला है।
1959 में केन्द्रीय भारतीय औषधीय पादप संगठन (सिम्पो) नाम से स्थापित प्रयोगशाला ने बहुआयामी जैवकीय तथा रसायन विज्ञान शोध एवं विकास द्वारा किसानों एवं उद्यमियों को प्रौद्योगिकी एवं सेवाये लखनऊ एवं अन्य चार शोध केन्द्रो (बेंगलोर, हैदराबाद, पन्तनगर, पुरारा (बागेश्वेर) के माध्यम से बहुस्थानीय क्षेत्रीय प्रयोग, शोध एवं प्रौद्योगिकी प्रसार द्वारा विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते है।
सीमैप अपने 50 वर्ष के कार्यकाल को बहुदेशीय साझा शोध के माध्यम से मलेशिया देश तक फैला है और औषधीय एवं सगंध पौधों के शोध, विकास और आर्थिक उपयोग के लिए भारत और मलेशिया ने साझा समझौता किया है।
सीमैप द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में औषधीय एवं सगंध पौधो की भूमिका अग्रणी है। भारत मिन्ट प्रजाति की कृषि एवं उत्पादन प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्व में मिन्ट तथा अन्य औद्योगिक उत्पाद के लिए शीर्ष पर है।
सीमैप द्वारा विकसित कृषि प्रौद्योगिकी उन्नत प्रजाति के माध्यम से देश के कृषि व्यावसाय में कृषिकरण तथा व्यापार का दृश्य परिवर्तित कर दिया है।प्रयोगशाला का कार्य तथा स्थान : सीमैप पूरे विश्व के एक अद्धितीय प्रयोगशाला है।
स्थापना के समय से ही सीमैप की प्रतिबद्धता समय से आगे रही है। सीमैप की पापद दशकों को सफल यात्रा तथा योगदान से देश के अन्य संस्थान भी औषधीय एवं सगंध पौधो के शोध आयामों में जोड़ रहे है। सीमैप पादप विज्ञान के शोध में पादप आनुवाशिंक संसाधन के संरक्षण तथा शोध में अनूठा स्थामन है।
सीमैप देश के उन्नत कृषि को औद्योगिक प्रसंस्कोरण से जोड़कर बहुआयामी शोध, आधुनिक उपकरणों आधुनिक औषध अन्वेषण का परीक्षण/सुविधा पादप विज्ञान के विभिन्न। क्षेत्रों सस्य विज्ञान, आनुवाशिंकी, पादप प्रजनन के वनस्पति विज्ञान भेषज अभिज्ञान आवणिक जैव प्रौद्योगिकी, संरचनात्मकक जीव विज्ञान, जैव रसायन, सूक्ष्मिजीव विज्ञान, बायोइनर्जी, पादप रसायन तथा मानव उपयोग हर्बल उत्पाद इत्यादि में किया जा रहा है।
सीमैप राष्ट्रीय जीन बैंक, संरक्षिकाएँ सीमैप के विविध जलवायु के शोध केन्द्रों में विभिन्न रूपों टिशु, बीज, डी.एन.ए. तथा फील्ड इत्या्दि में औषधीय एवं सगंध पौधों के लिए कृत संकल्पित है।
सीमैप प्रयोगशाला से बाजारतल सीमैप औषधीय एवं सगंध फसलों समेकित शोध एवं विकास के ज्ञान को बाजार के लिए उपलब्ध कराना आवश्यक ताकि आर्थिक विकास हो सकें।
सीमैप द्वारा विकसित विभिन्न फसलों पर फार्म बुलेटिन हिन्दी एवं अंग्रेजी के साथ साथ क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध है और प्रशिक्षण में न्यूअल शोध जर्नल (जेमेप्स) में शोध पत्र के साथ मुख्यी प्रौद्योगिकी जिनका भारतीय पेन्टेन्ट हो चुका हैए उपलब्ध है।
मुख्यत प्रौद्योगिकी जिनमें आर्टीमिसिया के उत्पायदन कृषि प्रौद्योगिकीयय सीमैप आरोग्या् हर्ब आर्ट्रीमिसिया प्रक्रम प्रौद्योगिकी आर्टीथर विकास आर्टीमिसिनिन प्रसंस्करण ध्प्रक्रम मेंथालमिन्ट उन्नत प्रजाति हिमालय/कोसी/कुशल/सरयु इत्यादि प्रमुख है।
ज्ञान और दक्षता, तकनीकी परामर्श कार्य और राष्ट्रीय सुविधा देशो के निर्णय के अनुसार सीमैप स्थित जीन बैंक वर्ष 1993 में स्थापित G-15 औषधीय एवं सगंध पौधो के बीज, फील्ड , ऊतक तथा डी.एन.ए. बैंक भारत के तीन जीन बैंकों में एक है।
पौधा किस्म् और कृषक संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सीमैप नोडल प्रयोगशाला नामित की गई है जिसके अन्तर्गत पौधे और बीज की प्रजाति की विशिष्ट्ता, समानता और स्थिरता (DUS) का परीक्षण कर राष्ट्रीत परीक्षण प्रस्ताव देता है।सीमैप बायोविलेज मिशन अन्तर्गत देश के उत्तरपूर्व से दक्षिण में औद्योगिक फसल उत्पादन की दिशा में चिन्हित औषधीय एवं सगंध पौधो को फैलाया जा रहा है।
सीमैप राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण भारत द्वारा जैवकीय विविधता एक्ट–2002 के अन्तर्गत पदनामित राष्ट्रीय संग्रह कोष नामित किया गया है जिसमें की विभिन्न– वर्ग के जैवकीय पदार्थ के नमुनों का सुरक्षित संरक्षण किया जाताराष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय सहयोग सीमैप दक्षिण पूर्व एशिया का अन्तराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-सयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनिडो) का मुख्य् केन्द्र् के रूप में जाना जाता है।
बुल्गेरिया गुलाब सगंध तेल प्रौद्योगिकी एकादमी के साथ सीमैप का वैज्ञानिक सहयोग है। राष्ट्रीय स्तर पर सीमैप भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर) गुजरात तथा उत्तरपूर्वी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थांन (नीस्टै) जौदरट के साथ पश्चिम तथा उत्तरपूर्वी क्षेत्र में प्रभाव को बढ़ा रहा है।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सीमैप स्पेशल इन्नोवेशन यूनिट (कारपोरेशन) मलेशिया, प्रधानमंत्री कार्यालय मलेशिया तथा मोनाश विश्वतविद्यालय, सनेव कैम्पनस, मलेशिया के साथ वैज्ञानिक समझौता हुआ है। समझौता में सयुक्तत इन्नोवेशन एक्सवलरेटर सेन्टर सीमैप औषधीय सगंध पौध के सहयोग से खोला जायेगा।
सीमैप की ग्रीन औद्योगिकी तथा अन्यस प्रौद्योगिकी पर कार्य हो सकेगा। सीमैप तथा यूनिक सयुक्तऔ रूप से मलेशिया में पादप, फूल, फल तथा शाक के औषधीय एंव सगंध उपयोग की संभावनाओं तथा निसकर्षण तकनीक, प्रकम तथा हर्बल उत्पाद आदि को प्रभावी बनायेंगे।शैक्षिक सहगामिता राष्ट्रीय प्रयोगशाला एवं विश्वयविद्यालय में एक समान एवं सुदृढ क्रियात्मशक सम्बंयध स्थापित किया जायेगा।
सीएसआईआर द्वारा जवाहर लाल विश्ववविद्यालय, नई दिल्ली , जीव बी. पन्त एवं प्रौद्योगिकी विश्वदविद्यालय, पन्तवनगर, चन्द्रकशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर तथा बनारस एवं इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के मध्य एम.ओ.यू. किया गया है । वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय तथा संस्थान के संयुक्त प्रयास से सीमैप और जवाहर लाल नेहरू विश्वृविद्यालय नई दिल्ली द्वारा जीव विज्ञान के क्षेत्र में शोध एवं शैक्षिक विकास का केन्द्र माना जायेगा।
मानव संसाधन विकास विभाग सीमैप द्वारा प्रौद्योगिकी तथा बायोईफोरमेटिक्सए के समय-समय पर ट्रेंनिग प्रोग्राम आयोजित किया जाता है और जैव रसायन तथा आणविक प्रौद्योगिकी तथ जैवविविधता आंकलन पर विशिष्ट ट्रेनिंग कोर्स चलाये जाते है।
सीमैप द्वारा विशेषणात्मक रसायन तथा इन्ट्रमेन्टेचशन को तकनीकी पर ट्रेनिंग कोर्स चलाये जाते है और औषधीय सगंध पौधा की खेती, प्रसंसकरण तथा उद्यमित विकास के लिए औद्योगिक तथा कृषिकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाते है।